बूंदों की बौछार में जब सावन आता है, धरती की हरियाली से मन खिल जाता है। बादलों की गड़गड़ाहट, बिजली का खेल, मन में उमंग और दिल में नया मेल। बारिश की बूंदें जैसे मोती की माला, धरती पे बिछती, हर ओर खुशी का उजाला। पर्वत और नदियाँ भी झूम उठते हैं, बरसात की इसContinue reading “बूंदों की बौछार”